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Showing posts from April, 2016

हिंदी व्यंग्य साहित्य पर एक नन्हा-सा विचार

व्यंग्यपथ - मुझे अक्खा व्यंगिस्तान चाहिए. अपुन सबको व्यंग्य सप्लाई करेगा. एकदम सौ टका टंच माल. - जा जा! सौ टका टंच माल तो बस भोपाल से अपना ज्ञानू भाई सप्लाई करता. तेरे पास किदर है खालिस माल? - तो तुम्हारे पास ही किदर है? दो टाइप का माल सप्लाई करता है तुम, एक सपाटबयानी का पाउडर में दो चुटकी सरोकार मिलाता और दूसरा छोटा-छोटा पाउच में वन लाइनर मसखरी मार के बेचता है. - और ये तेरा विट शिट है. तेरा आइरनी पर सबको हैरानी है. अपुन इदर गैंग में नया लोक भर्ती किया- ज्ञानू दादा, सुबू दादा सारे गैंग का लेडीज़-जेंट्स सब लोक को इन्वाईट किया. उदर  मस्त आइटम डांस दिखाया..और  बोले तो..व्यंग्य का फार्मूला पे एक बड़ा सेमीनार भी किया. अभी ‘मठवा’गाँव  में अपुन लोक सारा दादा लोक का फार्मूला का मंथन कर के पुराने व्यंग्य से नया माल तैयार करेगा. - अब रहने भी दे, इदर भी विट, आइरनी, ह्यूमर का फुल सप्लाई है. इसमें सरोकार भी मिलाके ज्ञानू भाई के ख़ास फार्मूले से प्योर व्यंग्य बनाता है अपुन लोग. ऐसी चढ़ती, ऐसी चढ़ती कि पुरस्कार लेके ईच नीचे उतरती. - तो वो बना के करेगा क्या? इदर तिकड़ी गैंग के आगे तुमारा औकात क्य

यात्रा वृत्तांत लिखने का शौक़ उतना ही पुराना है, जितना यात्रायें करने का। कादम्बिनी के राजीव भैया ने ,मुझे लक्षद्वीप की यात्रा पर एक लिख लाने को कहा। तस्वीरें भी मंगवाईं। फिर इसी माह पत्रिका के पर्यटन विशेषांक में प्यार से छापा। यहाँ ब्लॉग पर उन्हीं शब्दों के साथ कुछ और तस्वीरें जोड़ कर ये यात्रा वृत्तांत प्रस्तुत है।

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कोरल द्वीपों का स्वर्ग: लक्षद्वीप एक बड़े समुद्री जहाज़ का डेक, चारों ओर फैला अथाह, पर शांत समुद्र जिसकी लहरों पर क्षितिज में बादलों की ओट से झांकते सूर्य की किरणों की थिरकन, कुछ ही दूर पर सतह पर तैरता –सा हरियाली का एक लंबा टुकड़ा, जिसके सामने नीले-हरे पानी के विस्तार पर जहाज़ की ओर बढती दो नौकाएं. एक जादुई सम्मोहन जैसी स्थिति. हम देश की मुख्य भूमि से 400 किमी. दूर लक्षद्वीप द्वीप-समूह की राजधानी कवरत्ती आ पहुंचे थे. लक्षद्वीप को धरती के स्वर्गों में से एक माना जा सकता है. हमने ये यात्रा अपने देश के अद्भुत भौगोलिक विविधता का एक अनोखा व् उत्तेजक पहलू छूने के लिए चुनी थी. कोरल (मूंगा) द्वीपों का अपना विशिष्ट प्राकृतिक सौन्दर्य तो है ही, जैविक विविधता को जलीय-जीवन में देख पाने का अवसर इन्हें सैलानियों और प्रकृति-प्रेमियों के लिए ख़ास बनाती हैं. लक्षद्वीप अकेला ऐसा कोरल द्वीप समूह है जहां मूँगों द्वारा निर्मित ज़मीन के गिर्द उथले स्वच्छ पानी के लैगूनों में समुद्री जीवों का विशाल जीवंत संसार बेहद आसान पहुँच में है. उधर द्वीपों पर नारियल और पाम के पेड़ों का झुरमुट और मक्